गया में घूमने के लिए 10 सबसे खूबसूरत जगह, जो आपको जरूर देखना चाहिए

अगर आप बिहार गया में घूमने की जगह का तलाश कर रहे हैं। तो गया एक प्रमुख धार्मिक और ऐतिहासिक शहर है। जो अपनी पवित्रता और आदित्य स्थलों के लिए प्रसिद्ध है। यह स्थान न केवल हिंदू धर्म के अनुयायियों के लिए महत्वपूर्ण है बल्कि बौद्ध धर्म के लोगों के लिए भी खास महत्व है। गया में ऐसे कई स्थल है जो आपको इतिहासिक गौरव और प्राकृतिक सुंदरता का अनुभव कराते हैं। चाहे आप धार्मिक आस्था के कारण यहां आए हो या फिर गया की खूबसूरत जगहों में रुचि रखते हों, गया की यात्रा आपके लिए एक सुंदरता अनुभव साबित होगी आइए जानते हैं गया में घूमने के लिए खूबसूरत जगहों के बारे मे 10 सूची तैयार किए हैं।

गया में घूमने के लिए 10 खूबसूरत जगह

यहां के धार्मिक स्थल, प्राचीन मंदिर, और प्राकृतिक सुंदरता इस शहर को खास बनाते हैं। अगर आप भी इस शहर की यात्रा की योजना बना रहें हैं तो आपको यहां के कुछ ऐसे स्थानों के बारे मे जानना चाहिए जो आपकी यात्रा को यादगार बना सकते हैं। यहां गया में घूमने की जगहों की सूची दी गई है। जहां आपको जरूर जाना चाहिए। 

1. महाबोधि मंदिर

गया में घूमने की प्रमुख धार्मिक स्थल महाबोधि मंदिर
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महाबोधि मंदिर, गया का सबसे प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है जिसे यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता दी गई है। यह मंदिर उस स्थान पर स्थित है जहां भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। मंदिर का निर्माण तीसरी शताब्दी ईशा पूर्व में सम्राट अशोक ने करवाया था। मंदिर की भव्यता और उसकी शांति पूर्ण वातावरण श्रद्धालुओं को ध्यान और साधना के लिए प्रेरित करता है। यहां की वास्तुकला, जिसमे ऊंचे-ऊंचे स्तूप और बौद्ध कला की झलक मिलती है। महाबोधि मंदिर गया में घूमने की जगह में से एक है।

  • स्थान: महाबोधि मंदिर बोधगया में स्थित है, जो गया से लगभग 12 किलोमीटर के दूरी पर है। 
  • समय: मंदिर सुबह 5:00 बजे से रात 9:00 बजे तक खुला रहता है। पूजा के लिए सुबह का समय उपयुक्त होता है।
  • प्रवेश शुल्क: मंदिर में प्रवेश शुल्क नि:शुल्क है। 
  • आस-पास के जगह: महाबोधि मंदिर के आस पास अन्य महत्वपूर्ण स्थल भी है। जैसे कि बोधि वृक्ष, 80 फीट लंबी बुद्ध प्रतिमा, थाई मंदिर और जापानी मंदिर आप इन स्थानों का भी दौरा कर सकते हैं।

2. गया संग्रहालय

गया में घूमने की जगह गया संग्रहालय

गया के इतिहास, कला और संस्कृति का आदित्य संग्रह प्रस्तुत करता है। यहां आप प्राचीन मूर्तियां, पेंटिंग्स और अन्य इतिहासिक वस्त्रों का संग्रह देख सकते हैं। संग्रहालय का उद्देश्य गया की समृद्धि धरोहर और सांस्कृतिक महत्व को प्रदर्शित करना है संग्रहालय की यात्रा करने से आप प्राचीन भारतीय कला और इतिहास के बारे मे गहराई से जान सकते हैं। यह स्थल इतिहास और प्रमियों के लिए गया मे घूमने के जगह स्थलों में से एक आदर्श स्थान है।

  • स्थान: गया संग्रहालय शहर के मध्य में स्थित है। और विभिन्न इतिहासिक और सांस्कृतिक वस्तुओं का संग्रह है।
  • समय: संग्रहालय सुबह 10:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक खुला रहता है। सोमवार को संग्रहालय बंद रहता है।
  • प्रवेश शुल्क: गया संग्रहालय में प्रवेश के लिए मामूली शुल्क लगता है। जो भारतीय और विदेशी नागरिकों के लिए अलग-अलग हो सकता है।
  • आस-पास के जगह: गया संग्रहालय के आस पास अन्य महत्वपूर्ण स्थान भी है। जैसे कि विष्णुपद मंदिर और मचलीगाढ़ स्थित है।

3. बोधगया

बोधगया का बोधि वृक्ष

बोधगया गया का एक प्रमुख स्थल है जिसे भगवान के ज्ञान की प्राप्ति का स्थल माना जाता है। यहां पर बोधि वृक्ष स्थित है जिसके नीचे भगवान बुद्ध ने ध्यान था। यह स्थल बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए एक पवित्र स्थान है। बोधगया में कई विदेशी बौध मठ भी है जो विभिन्न देशों की सांस्कृतिक छाप दिखाते हैं। यहां की यात्रा आपको बौध धर्म की गहराई से परिचित कराएगी अगर आप बोधगया घूमने का प्लान बनाए है तो महाबोधि मंदिर का जरूर दर्शन करें।

  • स्थान: बोधगया बिहार के गया जिले में स्थित है। और यह भगवान बुद्ध के ज्ञान प्राप्ति के स्थान के रूप में प्रसिद्ध है।
  • समय: बोधगया में स्थित मंदिर और बोधि वृक्ष सुबह 5:00 से रात 9:00 बजे तक खुले रहते हैं। सुबह और शाम के समय यहां का वातावरण अत्यंत शांतिपूर्ण होता है।
  • प्रवेश शुल्क: बोधगया में प्रवेश करने के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाता है।
  • आस-पास के जगह: बोधगया के आस पास कई अन्य महत्वपूर्ण स्थल भी है जो आपकी यात्रा को और रोचक बना सकते हैं। इनमे महाबोधि मंदिर, जापानी मंदिर, और तिब्बती मठ प्रमुख है। आप यहां स्थानीय बाजारों का दौरा भी कर सकते हैं।

4. दूंगेश्वरी गुफा मंदिर

गया का प्रमुख धार्मिक स्थल दुंगेश्वर गुफा मंदिर

गया के बाहरी क्षेत्र में स्थित है। यह गुफा मंदिर वह स्थान है यहां भगवान बुद्ध ने ज्ञान प्राप्त करने से पहले कई सालों तक तपस्या की थी। गुफाओं में स्थित मंदिरों की मूर्तियां और प्राकृतिक सुंदरता आपको अतीत की याद दिलाएगी। यहां की शांति और प्राकृतिक सौंदर्य, आत्मिक शांति के लिए उपयुक्त है दूंगेश्वरी गुफा मंदिर की यात्रा से आप धार्मिक अनुभव के साथ-साथ प्राचीन भारतीय संस्कृति की झलक भी देख सकते हैं।

  • स्थान: दूंगेश्वरी गुफा मंदिर बोधगया से लगभग  12 किलोमीटर उत्तर पूर्व में स्थित है।
  • समय: यह मंदिर सुबह 6:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक खुला रहता है। पूजा के लिए सुबह का समय उपयुक्त होता है।
  • प्रवेश शुल्क: गुफा मंदिर में प्रवेश शुल्क नि:शुल्क है। लेकिन यहां तक पहुंचने के लिए चढ़ाई करनी पड़ती है।
  • आस-पास के जगह: दुंगेश्वरी गुफा मंदिर के पास सुजाता स्तूप और फल्गु नदी जैसे स्थल भी है।

5. विष्णुपद मंदिर

गया मे घूमने लायक जगह धार्मिक स्थल विष्णुपद मंदिर

गया का एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है जो भगवान विष्णु के पदचिह्नों के लिए प्रसिद्ध है। यहां पर भगवान विष्णु के पदचिह स्थित है। जिन्हे हिंदू धर्म के अनुयायी अत्यधिक पवित्र मानते हैं। यह मंदिर अपनी भव्यता और धार्मिक के लिए जाना जाता है। विष्णुपद मंदिर की यात्रा से आपको धार्मिक अनुभव प्राप्त होगा और आध्यामिक शांति मिलेगी। मंदिर की वास्तुकला और उसका वातावरण श्रद्धालुओं को एक गहरी धार्मिक भावना का अहसास कराता है गया में घूमने की इतिहासिक स्थलों में से एक है।

  • स्थान: विष्णुपथ मंदिर बोधगया गया के बीचो बीच स्थित है और फल्गु नदी के किनारे स्थित है। यह मंदिर भगवान विष्णु के समर्पित है और पिंडदान के लिए प्रसिद्ध है। 
  • समय: विष्णुपद मंदिर सुबह 6:00 बजे से रात 8:00 बजे तक खुला रहता है। पूजा के लिए सुबह और शाम के समय उपयुक्त होता है।
  • प्रवेश शुल्क: मंदिर में प्रवेश शुल्क नि:शुल्क है। 
  • आस-पास के जगह: विष्णुपद मंदिर के आस पास की जगहों में फल्गु नदी, ब्रह्मयोनि पर्वत और मंगला गौरी मंदिर शामिल है।

6. सुजाता स्तूप

गया में घूमने की जगह सुजाता स्तूप चित्र
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सुजाता स्तूप एक इतिहासिक स्थल है जो महाबोधि मंदिर से कुछ दूरी पर स्थित है। यह स्तूप सुजाता नमक महिला द्वारा भगवान बुद्ध को उनके तप के बाद खीर खिलाने की घटना स्मृति में बनाया गया है। इस स्तूप का धार्मिक और इतिहासिक महत्व है। यह एक प्रमुख तीर्थ स्थल है। और यह स्थल पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है। स्तूप की वस्तु कला और इसका वातावरण यहां की यात्रा को एक विशेष अनुभव बनाते है। यहां पर जाने से आप बुद्ध की जीवन के महत्वपूर्ण घटनाओं के बारे में जान सकते हैं।

  • स्थान: सुजाता स्तूप बोधगया के निकट स्थित है।
  • समय: सुजाता स्तूप सुबह 6:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक खुला रहता है। यहां ध्यान और शांति का अनुभव सुबह का समय सबसे उपयुक्त होता है।
  • प्रवेश शुल्क: सुजाता स्तूप में प्रवेश शुल्क नि:शुल्क है। 
  • आस-पास के जगह: सुजाता स्तूप निकट मे ही दुंगेश्वरी गुफा मंदिर और बोधि वृक्ष स्थित है। इन स्थलों का दौरा करने से आपकी यात्रा पूर्ण हो जाएगी।

7. ब्रह्मयोनि पर्वत

गया में पर्यटन स्थल ब्रह्मयोनि पर्वत

गया का एक प्रमुख प्राकृतिक स्थल है। यह पर्वत अपने मनोरम दृश्य और सीढ़ियों के लिए प्रसिद्ध है। जो पर्वत की चोटी तक जाती है। यहां से गया शहर का सुंदर दृश्य देखने को मिलता है। ब्रह्मयोनि पर्वत की चोटी पर पहुंचकर आप यहां की प्राकृतिक सुंदरता और शांति का आनंद ले सकते हैं। कहा जाता है कि यहां ध्यान करने से आत्मा की शुद्धि होती है। पर्वत की चोटी पर पहुंचने की चुनौती और वहां से देखने वाले दृश्य, आपकी यात्रा को रोमांचक बना देंगे यहां पर समय बिताने से आपको एक नई ऊर्जा और शांति का अनुभव होगा।

  • स्थान:  ब्रह्मयोनि पर्वत गया शहर में स्थित है और विष्णुपद मंदिर से लगभग 2 किलोमीटर की दूरी पर है। इस पर्वत पर चढ़ाई करने के दौरान आपको 424 सीढ़ियां चढ़नी होगी।
  • समय: ब्रह्मयोनि पर्वत पर चढ़ाई सुबह 6:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक की जा सकती है। सुबह का समय सबसे बेहतर माना जाता है।
  • प्रवेश शुल्क: पर्वत में प्रवेश शुल्क नि:शुल्क है। 
  • आस-पास के जगह: विष्णुपद मंदिर के पास स्थित होने के कारण आप वहां से ब्रह्मयोनि पर्वत तक आसानी से पहुंच सकते हैं। पास में फल्गु नदी भी बहती है।

8. मचलीगाढ़

गया से कुछ किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक इतिहासिक किला है। यह किला अपनी आदित्य वास्तुकला और प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है। यहां की संरचना और किले की दीवारें प्राचीन भारतीय किलों की वास्तुकला का उत्कृष्ट उदाहरण हैं। मचलीगाढ़ किला पर जाकर आप आस पास के ग्रामीण क्षेत्रों का सुंदर दृश्य देख सकते हैं। यह किला इतिहास और प्रकृति प्रेमियों के लिए एक आदर्श स्थल है। किले की यात्रा करने से आपको यहां की सांस्कृतिक और इतिहासिक धरोहर के बारे मे जानने का मौका मिलेगा।

  • स्थान: मचलीगाढ़, गया शहर के निकट स्थित है। यह स्थान अपने जलास्यों और प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है।
  • समय: आप मचलीगाढ़ का दौरा सुबह 5:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक कर सकते हैं। सुबह और शाम का समय यहां का वातावरण अत्यंत सुखद होता है।
  • प्रवेश शुल्क: इस स्थल में प्रवेश शुल्क नि:शुल्क है। 
  • आस-पास के जगह: मचलीगाढ़ के पास अन्य आकर्षणों में गया संग्रहालय और पत्थर की मूर्तियां का संग्रह शामिल है। 

9. फल्गु नदी

गया का शांत वातावरण और सुंदर दृश्य फल्गु नदी

फल्गु नदी, गया की एक पवित्र नदी है जो धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखती है। यह नदी भगवान राम द्वारा अपने पिता दशरथ का पिंडदान किए जाने की कथा से जुड़ी है। फल्गु नदी के किनारे बैठकर आप इसके शांत वातावरण का आनंद लें सकते हैं। नदी के किनारे की सुबह और शाम का समय ध्यान और योग्य के लिए उपयुक्त है। नदी का पवित्र जल आपको आत्मिक शांति और सुकून प्रदान करेगा फल्गु नदी के किनारे बिताया गया समय आपके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा भर सकता है।

  • स्थान: फल्गु नदी गया के किनारे स्थित है। और इस नदी का धार्मिक महत्व है विशेष रूप से पिंडदान के लिए। 
  • समय: फल्गु नदी का दौरा आप किसी भी समय कर सकते हैं। 
  • प्रवेश शुल्क: नदी के तट पर जाने का कोई शुल्क नहीं है। लेकिन धार्मिक अनुष्ठानों के लिए आपको पंडो की सेवाओं के लिए शुल्क देना पड़ सकता है।
  • आस-पास के जगह: नदी के तट पर विष्णुपद मंदिर और ब्रह्मयोनि पर्वत स्थित है जो इस क्षेत्र के प्रमुख धार्मिक स्थल है। 

10. मंगला गौरी मंदिर

गया में धार्मिक स्थल मंगला गौरी मंदिर

मंगला गौरी मंदिर, गया का एक शक्ति पीठ है। जो देवी मंगला गौरी को समर्पित है। यह मंदिर धार्मिक दृष्टिकोण से काफी प्रसिद्ध है और यहां हर साल बड़ी संख्या मे भक्त दर्शन करने के लिए आते हैं। मंगला गौरी मंदिर इसका धार्मिक महत्व इसे एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल बनाता है।  मंदिर मे पूजा और दर्शन से आप धार्मिक अनुभव प्राप्त कर सकते हैं। और साथ ही यहां की शांतिपूर्ण वातावरण का आनंद ले सकते हैं। मंगला गौरी मंदिर की यात्रा से आपको धार्मिक संतोष और मानसिक शांति मिलेगी। जो आपको यात्रा को और भी यादगार बना देगा।

  • स्थान: मंगला गौरी मंदिर गया शहर के पहाड़ों में स्थित है और इसे शक्तिपीठ के रूप मे माना जाता है।
  • समय: मंगला गौरी मंदिर सुबह 6:00 बजे से रात 8:00 बजे तक खुला रहता है। यहां आने का सबसे अच्छा समय नवरात्री के दौरान होता है।
  • प्रवेश शुल्क: मंदिर में प्रवेश शुल्क नि:शुल्क है। और यहां की यात्रा आपके धार्मिक अनुभव को समृद्ध करेगी।
  • आस-पास के जगह: मंगला गौरी मंदिर के पास अन्य धार्मिक स्थल भी है। कैसे कि विष्णुपद मंदिर, और फल्गु नदी इन स्थानों को भी दौरा कर सकते हैं।

गया मे घूमने की जगह तो बहुत अधिक है। लेकिन 10 खूबसूरत स्थलों के बारे में जानकारी दी गई है। जो आपकी यात्रा धार्मिक, इतिहासिक और प्राकृतिक अनुभव प्राप्त कर सकते हैं। यह स्थल आपके यात्रा को विविध और यादगार बना सकते हैं। अगर आप बिहार की यात्रा पर हैं तो गया की इन 10 खूबसूरत जगहों को अपनी यात्रा मे जरूर शामिल करें।

1. गया तीर्थ स्थल कहां है?

गया, बिहार राज्य के दक्षिण मध्य भाग में स्थित एक प्रमुख तीर्थ स्थल है। जो फल्गु नदी के किनारे बसा हुआ है। गया हिंदू धर्म के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण स्थल है। विशेष रूप से पिंडदान के लिए, इसके अलावा बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए भी एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है।

2. गया में कितने पर्यटन स्थल है?

गया में कई महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल है जो धार्मिक, इतिहासिक, और प्राकृतिक महत्व रखते हैं। यहां के प्रमुख पर्यटन स्थलों में महाबोधि मंदिर, दुगेश्वरी गुफा मंदिर, सुजाता स्तूप, ब्रह्मयोनि पर्वत, मचलीगाढ़, फल्गु नदी, गया संग्रहालय और मंगला गौरी मंदिर शामिल है।

3. क्या बोधगया मंदिर में मोबाईल की अनुमति है?

महाबोधि मंदिर में मोबाईल फोन ले जाने की अनुमति है। इसके उपयोग को प्रतिबंधित किया गया है। मंदिर परिसर के अंदर फोटो खींचना और वीडियो बनाने की अनुमति नहीं है। इसलिए यह आवश्यक है कि आप मंदिर की नियमों और विनियमों का पालन करें।

4. गया कैसे पहुंचें?

स्थानीय परिवहन: गया शहर में घूमने के लिए ऑटो – टैक्सी – रिक्सा और रेंटल करें आसानी से उपलब्ध है। अगर आस पास के स्थानों को देखना चाहते हैं तो रेंटल कार लेना एक अच्छा विकल्प हो सकता है। इसके अलावा बोधगया तक पहुंचने के लिए बस सेवाऐं भी उपलब्ध हैं।
सड़क मार्ग : गया सड़क मार्ग से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। इंडिया के हर शहर से आसानी से पहुंच सकते हैं गया।
रेल मार्ग : गया रेलवे स्टेशन एक प्रमुख रेलवे स्टेशन है। और यह भारत के लगभग सभी बड़े शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।
हवाई मार्ग : गया का निकटम हवाई अड्डा गया अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है। यह हवाई अड्डा अन्य प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है। दिल्ली, कोलकाता और वाराणसी इसके अलावा कुछ अंतर्राष्ट्रीय उड़ाने भी आते हैं। खासकर थाईलैंड, मायामार, और श्रीलंका से आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए।

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